CM योगी ने जमीन पर उतरकर देखे हालात, सफल रणनीति का किया दावा, कोरोना केस घटने लगे

CM योगी ने जमीन पर उतरकर देखे हालात, सफल रणनीति का किया दावा, कोरोना केस घटने लगे

बरेली: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बरेली-मुरादाबाद पहुंचकर कोरोना के जमीनी हालात देखे। मुरादाबाद के एक गांव में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का हालचाल जाना। शनिवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश प्रभावी तरीके से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है।
योगी का दावा, कोविड के खिलाफ हमारा प्रबंधन कामयाब रहा
उन्होंने कहा, 'मैंने बरेली के इंटिग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर का निरीक्षण किया। इस जोन में पिछले एक हफ्ते के दौरान 2500 से ज्यादा ऐक्टिव केसों में कमी आई है।' सीएम योगी ने दावा किया कि कोरोना के खिलाफ हमारा प्रबंधन और रणनीति कामयाब रही है।
'30 अप्रैल के बाद से कोरोना केसों में आ रही लगातार गिरावट'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'अनुमान लगाए जा रहे थे कि यूपी में 5 मई के बाद प्रतिदिन 1 लाख के ऊपर केस आएंगे। मगर 8 मई को ही राज्य में कोरोना के 26 हजार केस आए हैं। इसका मतलब है कि कोरोना के खिलाफ हमारी स्ट्रैटिजी और प्रबंधन कामयाब हो रहा है। 30 अप्रैल के बाद से कोरोना केसों में लगातार गिरावट आ रही है और अब हमने गांवों में भी स्पेशल स्क्रीनिंग और टेस्टिंग शुरू कर दी है।'
वेस्ट यूपी में कोरोना का कहर गांव-गांव तक पहुंचा
मेरठ सहित वेस्ट यूपी में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना संक्रमण शहर के अलावा इलाके के गांवों में भी पहुंच चुका है। ग्रामीण इलाकों से आ रही रिपोर्ट में हालत काफी खराब बताई जा रही है। माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव के बाद संक्रमण का असर गांवों तक पहुंच गया है और महामारी से मौतें भी हो रही हैं। गांवों में ज्यादातर मामले तेज बुखार के सामने आ रहे हैं। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में सांस लेने में भी लोगों को परेशानियां हो रही हैं।
'प्रधानी चुनाव के दौरान जुटी भीड़, इससे बढ़े केस'
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी ग्रामीण इलाकों में संक्रमण बढ़ने की दो वजहें मानते हैं। एक तो प्रधानी के चुनाव के दौरान लोग भीड़ में घूम रहे थे। दूसरे जो गांव शहर के पास हैं, इसलिए वहां भी लोगों का आना-जाना लगा रहता है, इससे भी केस बढ़े हैं। चुनाव के दौरान गांवों में जहां काफी चहल-पहल थी, लेकिन अब गलियों में सन्नाटा पसरा है।