कभी अपने चिर प्रतिद्वंद्वी रहे 'बचदा' को कुछ यूं याद किया 'हरदा' ने

कभी अपने चिर प्रतिद्वंद्वी रहे 'बचदा' को कुछ यूं याद किया 'हरदा' ने

देहरादून: उत्तराखंड के वरिष्ठतम राजनीतिज्ञों में से एक बची सिंह रावत ' बचदा' का निधन हो गया है। ऋषिकेश एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर तमाम शोक संदेश आ रहे हैं जिनमें उनके चिर प्रतिद्वंद्वी रहे पूर्व सीएम हरीश रावत भी शामिल हैं। बचदा ने हरीश रावत को अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर लगातार तीन बार (1996, 1998, 1999) और एक बार उनकी पत्नी रेणुका रावत को (2004) में पराजित किया। 

हरदा ने इस तरह किया बचदा को याद

पूर्व सीएम हरीश रावत ने याद करते हुए लिखा 'उत्तराखंड के वरिष्ठतम राजनीतिज्ञों में से एक, पूर्व केंद्रीय मंत्री बची सिंह रावत जी (बचदा) नहीं रहे। एम्स में चिकित्सा के दौरान उनका स्वर्गवास हुआ है, भगवान उनकी आत्मा को शांति एवं उनके परिवार को इस असीम दुख: को सहने की शक्ति प्रदान करें। बच्ची सिंह जी एक अत्यधिक लोकप्रिय व्यक्तित्व थे, लगातार चुनाव जीतकर उन्होंने अपने व्यक्तित्व और लोकप्रियता का हम सभी से लोहा मनवाया। सामान्य से सामान्य व्यक्ति के साथ उनके व्यवहार ने उनको बचदा की संज्ञा दी, बल्कि पहले ऐसे "दा" कहे जाने वाले व्यक्ति जसवंत सिंह बिष्ट जी थे "जसदा" और उसके बाद "बचदा" आये और उनके बाद लोगों ने भगत दा को भी "भगत दा" कहकर के संबोधित करना प्रारंभ किया। "बचदा" हमेशा लोगों के दिल में रहेंगे। "ॐ शांति"