शीतकाल के लिए बंद हुए हेमकुंड साहिब के कपाट 

शीतकाल के लिए बंद हुए हेमकुंड साहिब के कपाट 
शीतकाल के लिए बंद हुए हेमकुंड साहिब के कपाट 

चमोली। हेमकुंड साहिब के कपाट शनिवार 10 अक्तूबर को दोपहर डेढ़ बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस यात्रा सीजन में करीब 6500 तीर्थयात्री पवित्र सरोवर में स्थान कर गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंचे हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के दौरान करीब 1300 श्रद्धालु अंतिम अरदास में शामिल रहे। शुक्रवार को गोविंदघाट से 435 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुए। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शनिवार सुबह साढ़े नौ बजे पहली अरदास के साथ शुरू हुई। सुबह दस बजे सुखमणी का पाठ और 11 बजे शबद कीर्तन हुआ। दोपहर साढ़े बारह बजे इस वर्ष की अंतिम अरदास पढऩे के बाद गुरु ग्रंथ साहिब को पंच प्यारों की अगुवाई में सचखंड में विराजमान किया गया और दोपहर डेढ़ बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
बदरीनाथ में 1793 और केदारनाथ पहुंचे 2305 श्रद्धालु
बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की तादात बढऩे से धाम में रौनक लौटने लगी है। शुक्रवार को धाम में 1793 श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ के दर्शन किए। अब तक धाम में 47727 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। वहीं देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि शुक्रवार को कुल 2305 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। 
55 घोड़ा-खच्चर संचालकों के सैंपल लिए
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 55 घोड़ा-खच्चर संचालकों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। डीएम द्वारा सीएमओ को दिए आदेश के बाद शुक्रवार को सैंपलिंग टीम ने घोड़ा-खच्चर संचालकों के सैंपल लिए। इस दौरान उन्हें समान दूरी का पालन करने, सैनिटाइजर का नियमित उपयोग और मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया गया।