सीएम तीरथ के लिए पांच विधायक सीट छोड़ने को तैयार: मदन कौशिक

सीएम तीरथ के लिए पांच विधायक सीट छोड़ने को तैयार: मदन कौशिक
मदन कौशिक (फाइल फोटो)

देहरादून: संवैधानिक बाध्यता के चलते सीएम तीरथ को 6 माह के भीतर बिधानसभा का सदस्य होना आनिवार्य है। लिहाजा उत्तराखंड में एक और उपचुनाव होना तय है। अब सवाल उठता है कि सीएम तीरथ किस सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। हालांकि गंगोत्री विधानसभा सीट विधायक गोपाल रावत के निधन के बाद से खाली है पर ऐसी संभावना है नहीं कि सीएम वहां से चुनाव लड़ें। तो सीएम कहां से चुनाव लड़ेंगे? कौन विधायक उनके लिए सीट खाली करेगा? इन सवालों के जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि सीएम तीरथ सिंह रावत के लिए  पांच विधायक सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं। इसलिए जल्द ही उपचुनाव की सीट का फैसला हो जाएगा।
मीडियाकर्मियों से वार्ता में मदन कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री से इस संबंध में उनकी दो दौर की बातचीत हो चुकी है। कौशिक ने कहा कि कोटद्वार के विधायक कैबिनेट मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत, बदरीनाथ से भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट, भीमताल से निर्दलीय विधायक रामसिंह कैड़ा के अलावा दो और विधायकों ने मुख्यमंत्री को उनकी सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की है।
बता दें कि तीरथ रावत से पहले चार सांसद उत्तराखंड के सीएम बन चुके हैं। इनको विधानसभा सदस्य बनने के लिए बाद में उपचुनाव लड़ना पड़ा था। सांसद से सीएम बनने वाले पहले सीएम स्व. एनडी तिवारी थे। 2002 में सीएम बनते समय नैनीताल से लोकसभा के सांसद थे। सीएम बनने के बाद वे रामनगर से विधानसभा उपचुनाव लड़े और जीते थे। उनके लिए कांग्रेस के योगंबर सिंह रावत ने सीट छोड़ी थी। इसी तरह 2007 में पौड़ी गढ़वाल से तत्कालीन सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी सीएम बनने के बाद धूमाकोट से विधायक बने। उनके लिए कांग्रेस के ले.ज. (रि) टीपीएस रावत ने सीट छोड़ी थी। इसके बाद टिहरी से सांसद विजय बहुगुणा 2012 में  कांग्रेस की ओर से सीएम बने तो उन्होंने सितारगंज से विधानसभा का चुनाव जीता था। उनके लिए भाजपा के किरण मंडल ने विधानसभा की सीट छोड़ी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत 2014 में जब सीएम बने तब उन्होंने धारचूला से विधानसभा का चुनाव जीता था। उनके लिए पार्टी के ही विधायक हरीश धामी ने सीट छोड़ी थी।