जैव विविधता संरक्षण की दृष्टि से भराड़ीसैंण में नेचर पार्क विकसित करेगा वन विभाग

जैव विविधता संरक्षण की दृष्टि से भराड़ीसैंण में नेचर पार्क विकसित करेगा वन विभाग
जैव विविधता संरक्षण की दृष्टि से भराड़ीसैंण में नेचर पार्क विकसित करेगा वन विभाग

देहरादून। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में वन विभाग अब प्राकृतिक वन भी विकसित करेगा। कैंपा में इसके लिए वन विभाग ने योजना तैयार की है। प्रदेश सरकार की योजना भराड़ीसैंण को एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी कह चुके हैं कि भराड़ीसैंण को टूरिस्ट सर्किट से जोड़ा जाएगा। वन विभाग की ओर से कैंपा के तहत भराड़ीसैंण में नेचर पार्क विकसित होने से प्रदेश सरकार की इस योजना को भी फायदा मिलेगा। वन विभाग का यह भी कहना है कि भराड़ीसैंण के नेचर पार्क को जैव विविधता संरक्षण की दृष्टि से भी विकसित किया जाएगा। सीईओ कैंपा जेएस सुहाग के मुताबिक इसके लिए करीब 3.45 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। सोमवार को मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। इसके अलावा खिर्सू, लच्छीवाला, जयहरीखाल, सिमतोला, हल्द्वानी, बुरांशखंडा और रिखोली आदि में भी नेचर पार्क बनाए जाएंगे। 125 किमी दीवार भी बनेगी
पहाड़ों में बंदरों और जंगली सुअरों से फसल को बचाने के लिए भी प्रदेश सरकार को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसी को देखते हुए अब कैंपा के तहत गढ़वाल और कुमाऊं के 50-50 गांवों में जंगली सुअर रोधी 125 किलोमीटर लंबी दीवार बनाई जाएगी। कैंपा में इसके लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।