उत्तराखंड में भी मंडी का एकाधिकार समाप्त, विधानसभा से बिल पास

उत्तराखंड में भी मंडी का एकाधिकार समाप्त, विधानसभा से बिल पास
उत्तराखंड में भी मंडी का एकाधिकार समाप्त, विधानसभा से बिल पास

देहरादून: उत्तराखंड के किसानों के लिये अपनी उपज और पशुओं के मुक्त कारोबार करने का रास्ता विधिवत खुल गया। विधानसभा में बुधवार को राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन ( प्रोत्साहन एवं सुविधा) अध्यादेश  को विधेयक ( एपीएमल एक्ट) के रूप में पारित कर दिया। राज्य सरकार ने इस एक्ट को लेकर मई  में अध्यादेश लागू किया था।अरुणाचल प्रदेश  के बाद उत्तराखंड दूसरा राज्य है जिसने केंद्र की संस्तुतियों को 100 फीसदी लागू किया है। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में सभी राज्यों को इस बाबत मॉडल एक्ट ड्राफ्ट भेजा था। इस ड्राफ्ट के आधार पर उत्तराखंड ने नौ मई को अध्यादेश लागू कर दिया था। 
यह हुए हैं बदलाव: 
- किसान पूरे प्रदेश में कहीं भी और किसी से भी कृषि उपज-पशु का कारोबार कर सकता है
-  मंडी परिसर के बाहर भी कृषि उपज की खरीद फरोख्त आरंभ, निजी मंडियों का रास्ता खुला
- एक्ट लागू होने के बाद मंडी समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष चुनाव के जरिये चुने जाएंगे
- मंडी परिसर में नोटिफाइड वस्तुओ ओर एक फीसदी शुल्क और सामान्य वस्तुओ पर एक फीसदी यूजर चार्ज
- मंडी में दो निदेशक होंगे, निदेशक-विपणन का नया पद हुआ है सृजित