पहाड़ में शुरू हो गई है 'सौर उर्जा की खेती'

पहाड़ में शुरू हो गई है 'सौर उर्जा की खेती'
आमोद सिंह पंवार और उनका प्लांट

उत्तरकाशी: उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सरकार सौर उर्जा पर विशेष ध्यान दे रही है। दरअसल उत्तराखंड की पारिस्थिकी के लिहाज से यह ऐसा सेक्टर है जिसमें रोजगार और मुनाफे की असीम संभावना है। इसके लिए अब जल्द ही प्रदेश में सरकार एक और अभिनव योजना भी शुरु करने जा रही है।"मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार योजना" के पहले चरण में लगभग 10 हजार ग्रामीण युवा इससे लाभान्वित होंगे। इसमें 25 किलोवाट तक के प्लांट लगाए जा सकेंगे। इस योजना के अंतर्गत न केवल सब्सिडी दी जाएगी बल्कि उत्पादित ऊर्जा को सरकार खरीदेगी।  यह तो रही सरकार की बात लेकिन उत्तराखंड के एक उद्यमी आमोद सिंह पंवार ने यह कर भी दिखाया है। उनकी चर्चा खुद सीएम त्रिवेन्द्र ने भी की है।आमोद सिंह पंवार ने उत्तरकाशी जिले के विकासखण्ड चिन्यालीसौड़ के ग्राम इन्द्र टिपरी में 200 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाया है। इस प्लांट को ग्रिड सिंक्रोनाइज भी किया जा चुका है। यानी अब उनके इस प्लांट से उत्पादित विद्युत के हिसाब से उनको आय मिलने लगेगी। 

क्या खास बात है इस योजना में?
 दरअसल उत्तराखंड में वैकल्पिक ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। विशेषकर पहाड़ के गांवों में  लोगों के पास काफी भूमि उपलब्ध है जो आजकल काफी मात्रा में खाली भी है। बंदर, सुंअरों की वजह से खेती आजकल लोग कम ही कर रहे हैं ऐसे में यह योजना अगर धरातल पर उतर गई तो उत्तराखंड के नौजवानों के लिए रोजगार का अच्छा साधन बन सकती है। जैसी अभी तक जानकारी मिली है उसके मुताबिक गांवों की खाली जमीन पर सोलर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर और उससे उत्पन्न बिजली सरकार को बेचकर 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह की आय प्राप्त की जा सकती है।  इस योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सहकारी बैंक 25 किलोवाट तक की परियोजना के लिए 20 लाख तक का ऋण 15 वर्षों के लिए देने को तैयार है। इससे लाभार्थी बैंक की किस्तों को आसानी से चुका सकेंगे। यह योजना पर्वतीय क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए वरदान साबित होगी। इस प्रोजेक्ट के लिए 400 वर्गमीटर भूमि चाहिए।  मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के पहले चरण में 10 हजार प्रोजेक्ट लगाने का लक्ष्य रख गया है। छोटे सोलर प्रोजेक्ट लगाने पर 25 साल के लिए बिजली क्रय करने का अनुबंध किया जाएगा और बिजली के रेट भी ज्यादा तय किए हैं।