सीएम मान की कांग्रेस और भाजपा नेताओं को दो टूक, कहा - पंजाब को बदनाम करने से पहले अपने राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति की जांच करें

सीएम मान की कांग्रेस और भाजपा नेताओं को दो टूक,  कहा - पंजाब को बदनाम करने से पहले अपने राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति की जांच करें

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस और भाजपा नेताओं के भ्रामक बयानों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मंगलवार को कहा कि कई कांग्रेस और भाजपा शासित राज्यों की तुलना में पंजाब में कानून व्यवस्था कहीं बेहतर है।

पंजाब विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का समापन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने के बजाय कांग्रेस और भाजपा नेताओं को अपने तथ्यों की जांच करनी चाहिए क्योंकि जिन राज्यों में उनके दलों की सरकारें हैं, वे कानून व्यवस्था के मामले में पंजाब से बहुत नीचे हैं। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखेगी और किसी को भी किसी भी कीमत पर इसकी मेहनत की शांति को भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों से आने वाले छह महीनों में पंजाब हर क्षेत्र में चमकेगा।

लोगों को पारंपरिक राजनीतिक दलों के जनविरोधी रुख की याद दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये वे देशद्रोही हैं जो राज्य और इसके लोगों के प्रति कभी वफादार नहीं रहे। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि जिन लोगों ने एसवाईएल पर समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, उनके हरियाणा में बड़े रिसॉर्ट हैं, जबकि दूसरा जिसने तत्कालीन प्रधान मंत्री को चांदी की फावड़ा चढ़ाया था, वह आज स्वयंभू 'पानी का रक्षक' है। भगवंत मान ने कहा कि इन लोगों ने अपने निहित राजनीतिक स्वार्थों के लिए राज्य के हितों की अनदेखी की है और इसी वजह से उन्होंने राज्य की जनता को पूरी तरह नकार दिया है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे लोगों की भलाई के लिए कुछ भी कर सकते हैं और उन्हें इस नेक काम से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि वे केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई और ईडी के दुरुपयोग से डरते नहीं हैं और बिना किसी डर के लोगों की सेवा करते रहेंगे। भगवंत मान ने कहा कि लोकतंत्र की आवाज को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग सफल नहीं होगा।

मुख्यमंत्री मान ने विपक्ष का विरोध करते हुए कहा कि जिन लोगों ने आजादी से पहले अंग्रेजों से मिलीभगत कर प्रदेश की बेगुनाह जनता को गोलियों से भून डाला और फिर आजादी के बाद नशे की गोलियों से नौजवानों को बर्बाद किया, वे अब उन पर सवाल उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इन लोगों को उनसे सवाल करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि वे राज्य के अपराधी हैं। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के लोग इन देशद्रोहियों को पंजाब विरोधी रुख के लिए कभी माफ नहीं कर सकते।

मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि ये लोग राज्य और जनता के प्रति कभी भी ईमानदार नहीं रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने हितों को सर्वोपरि महत्व दिया है। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि जब केंद्र सरकार ने कठोर कृषि कानून बनाए थे तो इस परिवार ने बिल को अपनी सहमति दी थी क्योंकि इसका एक सदस्य केंद्रीय मंत्री था और पूरे परिवार ने एक वीडियो संदेश में बिल का स्वागत किया था। हालांकि भगवंत मान ने कहा कि जब पूरा पंजाब इसके खिलाफ हो गया तो उन्होंने सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए अपना रुख बदल लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक राजनीतिक दल उनसे जलते हैं क्योंकि वे यह नहीं पचा पा रहे हैं कि एक आम आदमी का बेटा प्रभावी ढंग से राज्य का शासन चला रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने पारंपरिक राजनीतिक दलों को उनके जनविरोधी और पंजाब विरोधी रुख के कारण किनारे कर दिया है। भगवंत मान ने कहा कि इन पार्टियों के नेता अब लोगों को गुमराह करने के लिए आपस में गठजोड़ कर रहे हैं।