बीजेपी से मुकाबले से पहले अपने दिग्गजों को साधना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती

बीजेपी से मुकाबले से पहले अपने दिग्गजों को साधना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती
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देहरादून। उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटने जा रही कांग्रेस के तमाम दिग्गजों को आगे एकजुटता के साथ कदमताल करनी होगी। पार्टी में गुटीय खींचतान की कोशिश हाईकमान को नागवार गुजरने जा रही है। ऐसी किसी भी हरकत पर इस बार चाबुक चलने के संकेत हैं। तीन दिनी दौरे पर मंगलवार को देहरादून पहुंच रहे प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आने से पहले ही हाईकमान के संकेत सभी दिग्गजों तक पहुंचा दिए हैं। कांग्रेस के सामने प्रदेश में सबसे बड़ी चुनौती दिग्गजों को साधने की है। बीते विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित होने के बाद तकरीबन हाशिए पर जाने के बावजूद प्रदेश में पार्टी क्षत्रपों ने इससे सबक नहीं लिया।

अब तक साढ़े तीन साल का वक्फा गुजरने के दौरान शायद ही ऐसा कोई मौका रहा हो, जब दिग्गजों ने एकदूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलने में कसर छोड़ी हो। इस अवधि में शहरी निकायों के चुनाव, लोकसभा चुनाव और फिर पंचायत चुनाव में भी एका नजर नहीं आई। यही नहीं पार्टी कार्यक्रमों में शामिल होने को लेकर भी दिलों की दूरियां आड़े आती रही हैं। प्रदेश में पार्टी की इस गत को हाईकमान भी भांप चुका है। प्रदेश प्रभारी के रूप में देवेंद्र यादव की तैनाती को हाईकमान को मिले फीडबैक से जोडक़र ही देखा गया। यही नहीं नए प्रदेश प्रभारी ने भी उत्तराखंड का दौरा करने से पहले दिल्ली में प्रदेश के नेताओं से पहली मुलाकात में ही खींचतान और महत्वाकांक्षाओं से पार्टी को दूर रखने के संकेत दिए थे। दरअसल कांग्रेस अब किसी भी सूरत में उत्तराखंड में सत्ता वापसी के लिए ताकत झोंकने में कसर नहीं छोडऩा चाहती। इसके लिए संगठन से लेकर सभी स्तरों पर पार्टी को एकजुटता में पिरोने पर जोर है।

देवेंद्र यादव बिहार चुनाव में तय भूमिका निभाने के बाद मंगलवार को उत्तराखंड का पहला दौरा कर रहे हैं। अपने तीन दिनी दौरे में वह सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक के सियासी निहितार्थ हैं। इसे दिग्गजों को साधने और हाईकमान का संदेश देने की रणनीति के तौर देखा जा रहा है। इसके बाद कुमाऊं व गढ़वाल दोनों ही मंडलों के विधायकों, पूर्व विधायकों व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के साथ जिला व ब्लॉक इकाइयों से भी मुलाकात रखी गई है। ब्लॉकों में कांग्रेस को पहले से ज्यादा सक्रिय किया जाएगा।