5400 करोड़ की लागत से बनेगा दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर

5400 करोड़ की लागत से बनेगा दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर
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 देहरादून: दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर की घोषणा शुक्रवार को हो गई। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड के लिए 5400 करोड़ की लागत की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और लोकापर्ण करने के बाद बहुप्रतिक्षित कॉरिडोर की घोषणा की। करीब 210 किलोमीटर लंबाई के इस सिक्स लेन कॉरिडोर की कुल लागत 12,300 करोड़ है। गडकरी के अनुसार अगस्त 2021 तक यह परियोजना अवार्ड हो जाएगी। इसे 2023 तक पूरा कर लेने की तैयारी है। 


दिल्ली-देहरादून इकॉनोमिक कॉरिडोर में हरिद्वार के लिए नई कनेक्टिविटी की घोषणा भी की गई। बसेरा, मानकपुर, खाताफेरी, रुड़की, मेहबरकलां से होकर गुजरने वाले इस मार्ग में हरिद्वार के लिए नई कनेक्टिविटी का प्रावधान किया गया है। इसमें सहारनपुर बाईपास से 6-लेन का नया मार्ग बनाया जाएगा। इससे दिल्ली से हरिद्वार की दूरी 6 घंटे से घटकर 2 घंटे रह जाएगी। इस कॉरिडोर के बन जाने से दिल्ली और देहरादून के बीच की दूरी महज 2 घंटे 50 मिनट में तय की जा सकेगी। यही नहीं, दिल्ली और देहरादून के बीच सड़क मार्ग की दूरी भी 235 किमी से घटकर 210 किमी की हो जाएगी।

अपने तरह का देश का पहला राजमार्ग
इस कॉरिडोर की सबसे खास बात यह है कि देश का यह पहला राजमार्ग होगा, जिसमें वन्य जीवों के संरक्षण के लिए 12 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इस कॉरिडोर का निर्माण ईपीसी मोड के तहत किया जाएगा। दिल्ली-देहरादून इकॉनोमिक कॉरिडोर में वाहनों की न्यूनतम स्पीड 100 किमी प्रति घंटे की होगी। सड़क के दोनों तरफ प्रत्येक 25-30 किमी पर मुसाफिरों के लिए जन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस कॉरिडोर में क्लोज टोल मैकेनिज्म की व्यवस्था की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि इस कॉरिडोर के बन जाने से दिल्ली और उत्तराखंड के आर्थिक विकास को नए पंख लगेंगे। देवभूमि उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र का भी ग्राफ तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी। दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर से देहरादून के बीच बनाए जा रहे इस इकॉनोमिक कॉरिडोर को कुल 4 खंडों में तैयार किया जाएगा।
सेक्शन 1ः सर्विस रोड के साथ 6 लेन की सड़क बनाई जाएगी। सेक्शन को दो पैकेज में बांटा गया गया है। पहले पैकेज में 14.75 किमी का हिस्सा दिल्ली में आएगा। इसमें 6.4 किमी का रोड एलिवेटेड होगा, जबकि पैकेज दो के तहत यूपी में 16.85 किमी सड़क बनाई जाएगी। इसमें से 11.2 किमी सड़क एलिवेटेड होगी। इन दोनों पैकेज की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। दिल्ली के डीएमई के नजदीक अक्षरधाम से शुरू होकर यह गीता कॉलोनी, खजुरीखास और मंडोला होते हुए गुजरेगी। इस कॉरिडोर के बनने से उत्तर पूर्वी दिल्ली के ट्रैफिक कंजेशन को दूर करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यूपी सरकार की मंडोला विहार योजना और ट्रॉनिका सिटी को बढ़ावा मिलने में मदद मिलेगी।
सेक्शन 2ः पूरी सड़क 6 लेन की ग्रीनफील्ड होगी। इस सेक्शन के तहत बनने वाली सड़क उत्तर प्रदेश के बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले से होकर गुजरेगी। इस पूरे खंड को 4 पैकेज में बनाया जाएगा। इस खंड के लिए डीपीआर का काम पूरा हो चुका है, जबकि टेंडर प्रक्रिया का काम अंडर प्रोसेस है। इस खंड के लिए भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है। वन या पर्यावरणीय मंजूरी प्रस्ताव के लिए आवेदन किया जा चुका है। इस काम का ठेका मार्च 2021 तक देने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन ठेका देने का काम पर्यावरणीय मंजूरी और भूमि अधिग्रहण की प्रगति पर निर्भर है।
सेक्शन 3ः सहारनपुर बाईपास से सड़क निर्माण शुरू होगा। यह गणेशपुर तक जाएगा। हाल में एनएचएआई ने इस सेक्शन के लिए 4 लेन का सड़क निर्माण किया है, लेकिन जरूरी अंडरपास और सर्विस रोड बनाने की योजना पर काम किया जाएगा ताकि 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से वाहनों को दौड़ाया जा सके।
सेक्शन 4ः सिक्स लेन का सड़क निर्माण किया जाएगा। इस सेक्शन के तहत बनने वाली सड़क उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड स्थित रिजर्व फॉरेस्ट से होकर गुजरेगी। कुल 20 किमी लंबे इस खंड में 5 किमी ब्राउन फील्ड एक्सपेंशन और बाकी 15 किमी में से 12 किमी एलिवेटेड वन्यजीव कॉरिडोर होगा। इसके तहत 340 मीटर की एक सुरंग बनाने की भी योजना है। इस सेक्शन के लिए वन और वन्यजीव मंजूरी ली जा चुकी है। इसके लिए 3 पैकेज में बोली प्राप्त की जा चुकी है, जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है। इस खंड के लिए भी काम का ठेका मार्च 2021 तक देने का लक्ष्य रखा गया है।