गोरखपुर: सीएम ने जनता दर्शन में सुनी 500 से अधिक फरियादियों की शिकायतें

गोरखपुर: सीएम ने जनता दर्शन में सुनी 500 से अधिक फरियादियों की शिकायतें
गोरखपुर: सीएम ने जनता दर्शन में सुनी 500 से अधिक फरियादियों की शिकायतें

गोरखपुर:सीएम योगी ने रविवार की सुबह जनता दर्शन में 500 से अधिक फरियादियों की शिकायतें सुनीं। इस दौरान उन्‍होंने अधिकारियों को जनता की शिकायतों के समाधान में टालमटोल न करने की हिदायत दी और लोगों से कोविड-19 से बचाव की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की। सीएम योगी जैसे ही जनता दर्शन से बाहर निकले वहां रामजानकी कुसम्‍ही से आए 109 वर्षीय महंत ओमकारनाथ पर उनकी नज़र पड़ी। दिव्‍यांगता की वजह व्‍हील चेयर पर आए बुजुर्ग साधू को देखते ही सीएम उनके पास पहुंच गए। 
महंत ओमकारनाथ ने सीएम को बताया कि वह एक यज्ञ करा रहे हैं। यज्ञ से पहले गोरक्षपीठाधीश्‍वर से मिलने की आस थी। वह आज पूरी हो गई। सीएम ने काफी देर तक उनसे बात की। इसके बाद मंदिर कार्यालय से यज्ञ के लिए मदद दिलाई। सीएम ने मंदिर में महंत ओमकारनाथ का आदर-सत्‍कार कर उन्‍हें विदा किया। इसके पहले जनता दर्शन में फरियादियों की शिकायतें सुनने के बाद सीएम ने अधिकारियों से कहा कि वे जनता की समस्याओं का तत्वरित निस्तारण करें। इस काम में कोई टालमटोल नहीं होनी चाहिए। समाधान भी गुणवत्तापूर्ण ढंग से होना चाहिए ताकि पीड़ित संतुष्ट हो जाए। 
सीएम दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए हैं। उन्‍होंने जनता दर्शन में हिन्दू सेवाश्रम की कुर्सियों पर बैठे फरियादियों से बारी-बारी मुलाकात की। उनकी समस्याओं के समाधान का आश्‍वासन दिया। साथ मौजूद अधिकारियों को लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए निर्देशित भी किया। जिला स्तरीय शिकायतों के लिए डीएम और एसएसपी और मण्डल के जिलों से आने वाली शिकायतों के लिए कमिश्नर और आईजी को निर्देशित किया। 
बारी आने पर जरूर लगवाएं टीके
सीएम ने लोगों से अपील की कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अपनी बारी आने पर टीके जरूर लगवाएं। इसके साथ ही नियमित रूप से मास्क पहनें और हाथ को बार-बार साबुन से भी धोएं। जनता दर्शन में सीएम 7.30 बजे से 8.15 बजे तक रहे।
सीएम ने गोशाला में बिताया वक्‍त 
जनता दर्शन से पहले हर बार की तरह मंदिर भ्रमण पर निकले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले गुरु गोरखनाथ का दर्शन किया और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर माथा टेका। उसके बाद भ्रमण करते गोशाला पहुंचे। यहां उन्होंने गो-सेवा की। गायों को गुड़ खिलाया। उसके बाद स्वान कालू के पास पहुंच उसे दुलारा।