चमोली: चुनाव से पहले इस गांव के लोगों ने किया 'रोड नहीं तो वोट नहीं ' का ऐलान

चमोली: चुनाव से पहले इस गांव के लोगों ने किया 'रोड नहीं तो वोट नहीं ' का ऐलान
चमोली: चुनाव से पहले इस गांव के लोगों ने किया 'रोड नहीं तो वोट नहीं ' का ऐलान

थराली (मोहन गिरी): उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव नजदीक हैं ऐसे में सरकारों से विकास की अपेक्षा रखने वाले आमजनमानस की भी इस चुनावी साल में उम्मीदें बढ़ जाती हैं। चुनावी साल में सरकार की आलोचना ,वाहवाही ,सरकार के बेहतर विकास कार्य और छूटे हुए कार्यो का आंकलन कर जनता लोकतंत्र के पावन पर्व में अपना मत सुनिश्चित करती है। लेकिन थराली विधानसभा के नारायणबगड़ विकासखण्ड के दूरस्थ गांव नाखोली ग्रामसभा के ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर चुनाव से पहले ही आपसी बैठक के बाद सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर चुनाव बहिष्कार का मन बना लिया है।
 दरसल नारायणबगड़ के इस दूरस्थ गांव के ग्रामीण 2013 से ही सड़क की मांग कर रहे हैं 2017 में इस सड़क को स्वीकृति मिलने के बाद भी अब तक सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है और असेड सिमली से नाखोली तक 2.5 किमी लंबी इस  सड़क की फाइल अभी भी शासन स्तर पर लंबित पड़ी है जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।ग्रामीण बताते हैं कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी उन्हें पैदल दूरी नापनी पड़ती है बीमारी की हालत में डंडी कंडी के सहारे अस्पताल तक पहुंचना पड़ता है ऐसे में देरी की वजह से कई बार अपनों को खोना भी पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रीय विधायक से भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन सिवाय आश्वासन के ग्रामीणों को कुछ भी नहीं मिला। ऐसे में सिस्टम से थके हारे ग्रामीणों ने लोकतंत्र में कमजोर आस्था दिखाते हुए अब सामुहिक रूप से चुनाव बहिष्कार का एलान करते हुए उपजिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा है। अब देखने वाली बात ये होगी कि ग्रामीणों के रोड नहीं तो वोट नहीं के एलान के बाद सरकार और शासन प्रशासन इस सड़क की मांग को लेकर क्या कदम उठाता है।