नौ दिन बाद नीती घाटी में लोगों की आवाजाही हुई सुचारु, रैणी के पास बीआरओ ने बनाया पुल

नौ दिन बाद नीती घाटी में लोगों की आवाजाही हुई सुचारु, रैणी के पास बीआरओ ने बनाया पुल
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चमोली: जल प्रलय के नौ दिन बाद अब अलग-थलग पड़े नीती घाटी के गांवों में आवाजाही आसान होने लगी है। सबसे दुर्गम क्षेत्र में बसे जुग्जु गांव के लिए धौली गंगा पर ट्रॉली लगा दी गई है, जबकि भंग्यूल गांव के लिए दो दिन पहले ही ट्रॉली शुरू हो गई थी। अब ग्रामीण इनकी मदद से आवाजाही करने लगे हैं। वहीं ऋषि गंगा पर रैणी गांव के समीप एक वैकल्पिक पुल भी तैयार किया गया है।
ऋषि गंगा पर रैणी गांव के समीप सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने एक वैकल्पिक पुल तैयार किया है। नीती घाटी के ग्रामीण इसी पुल से आवाजाही करने लगे हैं। सोमवार को चीन सीमा क्षेत्र मलारी से जोशीमठ लौटे सेना के जवानों ने भी इसी पुल से आवाजाही की। ट्रॉली और पुल का संचालन होने से ग्रामीणों को राहत मिली है।
लाता गांव के दरमान सिंह रावत, रघुवीर सिंह राणा, तोलमा गांव के प्रेम सिंह बुटोला और पैंग गांव के शंकर सिंह राणा और पूरण सिंह राणा ने बताया कि बीआरओ की ओर से बनाए गए वैकल्पिक पुल से आवाजाही शुरू होने से ग्रामीणों को राहत मिली है। ग्रामीण अपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए जोशीमठ और तपोवन तक आ जा सकेंगे।