पढ़-लिखकर अगर रोजगार न मिले तो फिर शिक्षा किस काम की : केजरीवाल

पढ़-लिखकर अगर रोजगार न मिले तो फिर शिक्षा किस काम की : केजरीवाल

पुरानी दिल्ली में तीसरे लाइटहाउस स्किल सेंटर की शुरूआत की गई है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मटिया महल में यह सेंटर शुरू किया। कालकाजी व मलकागंज में चल रहे लाइटहाउस सेंटर में अब तक तीन हजार युवा स्किल ट्रेनिंग ले चुके हैं।

सीएम ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को हमें शिक्षा के साथ स्किल भी देनी है। पढ़-लिखकर अगर रोजगार ही न मिले तो फिर शिक्षा किस काम की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था का ऐसा हाल हो गया है कि नए रोजगार पैदा होने की बजाए देशभर में अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे खराब होती जा रही है। एक आंकड़ा यह बताता है कि पिछले कुछ सालों में 12 लाख अमीर लोग, व्यापारी और उद्योगपति भारत छोड़कर दूसरे देशों में चले गए और वहां की नागरिकता ले ली। क्योंकि देश में ऐसा डर का माहौल है कि हमारे देश में कोई काम ही नहीं करना चाहता है।

अगर लोग अपना काम-धंधा, उद्योग या फैक्ट्रियां बंद करके विदेशों में जाएंगे तो हमारे बच्चे रोजगार लेने के लिए कहां जाएंगे। पूरे देश में माहौल ऐसा है कि रोजगार बढ़ने के बजाए कम होते जा रहे हैं। लेकिन, हमें इस माहौल को देखकर रोना नहीं है। आज देश में जो भी माहौल है, इसी माहौल के अंदर जितना हम कर सकते हैं, उतना करके हमें अपने युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने हैं। इस परिप्रेक्ष्य में मुझे बेहद खुशी है कि आज ये लाइटहाउस स्किल सेंटर मटिया महल में बना है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे पता चला है कि पहले इसे भूत बंगला कहा जाता था। उसी भूत बंगले को इतना शानदार बनाया गया, जहां से अब इस इलाके युवाओं को रोजगार मिला करेगा। दिल्ली में ये तीसरा लाइटहाउस स्किल सेंटर बना है। पिछले साल मार्च में मलकागंज और कालकाजी में दो लाइटहाउस सेंटर शुरू हो चुके हैं। वहां पर अब तक करीब तीन हजार बच्चों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इसमें से एक हजार बच्चों को रोजगार भी मिल गया है। यहां पर केवल ट्रेनिंग ही नहीं दी जाती, बल्कि ट्रेनिंग के बाद रोजगार दिलाने की भी पूरी कोशिश करते हैं। ऐसा नहीं कि कॉलेज की तरह डिग्री ले ली और रोजगार नहीं मिला।