NDA के नेता चुने गए पीएम मोदी, अपने भाषण में कहीं ये बड़ी बातें...
नरेंद्र मोदी सर्वसम्मति से एनडीए दल के नेता चुने गए हैं। संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए की बैठक हुई। जिसमें राजनाथ सिंह ने बीजेपी के संसदीय दल के नेता, एनडीए संसदीय दल के नेता और लोकसभा के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव पेश किया। जिसका सभी ने सर्वसम्मति से समर्थन किया।
इस मौके पर हर नेता ने पीएम मोदी की तारीफ की। नीतीश कुमार ने जहां कहा कि हम आपके साथ हैं। पूरी तरह से एनडीए के साथ हैं।वहीं चंद्रबाबू नायडू ने राजनाथ सिंह के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि पिछले 10 साल में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये मौका मेरे लिए बहुत गौरवान्वित करने वाला है। मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि जनसेना, टीडीपी और बीजेपी साथ मिलकर काम करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने चुनाव प्रचार के दौरान देखा कि तीन महीने तक नरेंद्र मोदी ने कोई आराम नहीं किया। उन्होंने दिन-रात प्रचार किया। आंध्र प्रदेश में हमने तीन जनसभाएं और एक बड़ी रैली की और इसने प्रदेश में चुनाव जीतने में बहुत बड़ा अंतर पैदा कर दिया।
वहीं पीएम मोदी ने बैठक संबोधित करते हुए कि जब चार जून को चुनावी नतीजे आ रहे थे, मैं काम में व्यस्त था। फोन कॉल आना शुरू हो गए थे। उस वक्त मैंने किसी से पूछा कि आंकड़े तो ठीक है लेकिन मुझे ये बताओ कि ईवीएम जिंदा है या मर गया। क्योंकि ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास ही उठ जाए और लगातार ये लोग ईवीएम को गाली दे रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे तो लग रहा था कि इस बार ईवीएम की अर्थी लेकर जुलूस निकालेंगे। लेकिन चार जून शाम आते-आते उनको ताले लग गए। ईवीएम ने उनको चुप करा दिया। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है। मुझे उम्मीद है कि मुझे अगले पांच साल तक ईवीएम का रोना सुनने को नहीं मिलेगा। लेकिन जब हम 2029 के चुनाव में जाएंगे तो शायद वे दोबारा ईवीएण का रोना रोएं। देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। ना हम हारे थे ना हम हारे हैं।
लेकिन चार तारीख के बाद हमारा जो व्यवहार रहा है वो बताता है कि हम विजय को पचाना जानते हैं। हमारे संस्कार ऐसे हैं कि विजय की गोद में उन्माद पैदा नहीं होता और ना ही पराजित लोगों के प्रति उपहास करने के हमारे संस्कार हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पहले भी एनडीए थी आज भी एनडीए है और कल भी एनडीए होगी
आप सोचिए 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े को नहीं छू पाई। और अगर मैं 2014, 2019 और 2024 के कांग्रेस के तीन चुनाव के नतीजे जोड़ू तो इन तीन चुनाव में कांग्रेस को जितनी सीटें मिली हैं उससे ज्यादा हमें 2024 के चुनाव में सीटें मिली हैं।
और मैं साफ देख रहा हूं इंडी वालों को अंदाजा नहीं है कि पहले ये धीरे-धीरे डूब रहे थे अब तेज गति से ये गर्त में जाने वाले हैं। इंडी अलाइंस वाले देश के सामान्य नागरिकों की सामर्थ्य को समझ नहीं पाए। इन लोगों का जो व्यवहार रहा है चार जून के बाद मैं आशा करता था कि वे लोकतंत्र का सम्मान करेंगे लेकिन उनके व्यवहार से लगता है कि शायद उनमें ये संस्कार आ पाएं उसके लिए हमें और इंतजार करना पड़ेगा।
और ये वो लोग हैं जो खुद की पार्टी के पीएम का अपमान करते हैं उसके निर्णयों को फाड़ देते हैं। कोई विदेशी मेहमान आ जाए तो उसके लिए कुर्सी नहीं होती थी ये सारे दृश्य हमने देखे हैं।
लोकतंत्र हमें सबका सम्मान करना सिखाता है, विपक्ष में भी जो सांसद जीतकर आए हैं मैं उनको भी बधाई देता हूं, पिछले दस वर्ष में एक चीज मिस कर रहा हूं, डिबेट, पार्टिसिपेशन, क्वालिटी ऑफ डिबेट मैं मिस कर रहा हूं, अब नया सदन जो हमारा बना है अब वो कमी मुझे खलेगी नहीं। राष्ट्रहित की नीयत के साथ वो सदन में आएंगे। अब भले ही वो विपक्ष में बैठे होंगे। लेकिन वे राष्ट्र के विपक्ष में नहीं हैं हमारे विपक्ष में हैं राष्ट्र में तो हम सब एक ही दिशा में हैं, राष्ट्र में तो हम पक्ष-विपक्ष नहीं हैं राष्ट्र में तो हम 140 करोड़ हैं।
2024 का जनादेश एक बात को बार-बार मजबूती दे रहा है कि देश को आज के वातावरण में सिर्फ और सिर्फ एनडीए पर ही भरोसा है। और जब इतना अटूट विश्वास है भरोसा है तो स्वाभाविक है कि देश की अपेक्षाएं भी बढ़ेंगी और मैं इसे अच्छा मानता हूं, इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए मैंने पहले भी कहा था कि पिछले 10 साल जो हमने काम किया है वो तो ट्रेलर है, और वो मेरा चुनावी वाक्य नहीं था ये मेरा कमिटमेंट है। हमें और तेजी से और विस्तार से और तेज गति से देश की आकांक्षाओँ को पूरा करने में रत्ती भर भी विलम्ब नहीं करना है। जनता चाहती है कि हम पहले से ज्यादा डिलीवर करें, जनता चाहती है कि हम खुद ही हमारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ें। मैं साथियों एक तरफ एनडीए रखूं दूसरी तरफ भारत के लोगों के सपनों और संकल्पों को रखूं तो मैं कहूंगा NDA न्यू इंडिया, डेवलेप इंडिया, एसपिरेशनल इंडिया। और इसी सपने और संकल्पों को पूरा करना ये हम सबका संकल्प भी है, कमिटमेंट भी है और हमारे पास रोडमैप भी है।
साथियों एनडीए ने हमेशा करप्शन फ्री, रिफॉर्म ओरिएंटेड स्थिर सरकार दी है, उसके सामने यूपीए ने अपना नाम बदल लिया, नाम बदल लिया लेकिन पहचान घोटालों से ही है। इंडी अलायंस वालों ने एक व्यक्ति का अपोज करने के वन प्वाइंट एजेंडा के कारण देश की जनता ने उन्हें ओपोजिशन में बिठा दिया है। एनडीए विकसित भारत का संकल्प लेकर जनता के सामने गया था। पीएम मोदी ने पवन कल्याण की तारीफ करते हुए कहा कि ये पवन नहीं आंधी है आंधी। बहरहाल अब बताया जा रहा है कि पीएम मोदी 9 जून को शपथ ग्रहण कर सकते हैं। इसके लिए भव्य तैयारियां भी की जा रही हैं।