हरियाणा में जहरीला हुआ धुआं, हालात बिगड़े, लगाई गई कड़ी पाबंदियां, फल-सब्जी, दूध हो सकते हैं महंगे, माल ढुलाई, बस सेवा पर भी पड़ेगा असर

हरियाणा में जहरीला हुआ धुआं, हालात बिगड़े, लगाई गई कड़ी पाबंदियां, फल-सब्जी, दूध हो सकते हैं महंगे, माल ढुलाई, बस सेवा पर भी पड़ेगा असर

जहरीले प्रदूषण और घनी धुंध के कारण दिल्ली एनसीआर में आते हरियाणा के 14 शहरों में हालात बेकाबू जैसे हो गए हैं। यहां हालत ऐसी है कि सांस लेना भी दूभर हो गया है। इसमें सबसे बुरा हाल साइबर सिटी गुरुग्राम का है। यहां एक्यूआई 576 पहुंच गया है। जो बहुत खतरनाक स्तर पर है। इस स्थिति से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने भी कई पाबंदियां लगा दी हैं। मकसद यही है कि कैसे भी करके इस खतरनाक स्थिति से बचा जा सके।इसलिए हरियाणा सरकार ने पांच जिलों के प्राइमरी स्कूल बंद कर दिए हैं। जिनमें झज्जर, सोनीपत, पानीपत, रोहतक और नूंह शामिल हैं। नूंह में 18 से यानी से 22 नवंबर तक स्कूल बंद रहेंगे। वहीं सोनीपत सिर्फ आज का दिन स्कूल बंद रहेगा.

बड़ी बात यह भी है कि दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के 14 शहरों में भी GRAP -4 लागू कर दिया गया है। जो तब लागू किया जाता है जब स्थिति भयावह होती है। एनसीआर के जिन 14 शहरों में ग्रैप-4 लागू किया गया है वो इस प्रकार हैं। फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, रोहतक और नूंह में ग्रैप-4 लागू किया गया है। आज यानी सोमवार सुबह 8 बजे से ग्रैप-4 लागू हो चुका है। जिस कारण कंस्ट्रक्शन के सभी काम रोक दिए गए हैं। दफ्तरों में भी 50 फीसदी स्टाफ कम करने को कहा गया है।

ग्रैप-4 लागू होने से क्या होता है ?

ग्रैप (GRAP)का मतलब है Graded Response Action Plan यानी श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना, इसके तहत प्रदूषण से बचने के त्वरित उपाय किए जाते हैं।

ग्रैप-4 लागू होने पर यह होगा

निजी वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है, सिर्फ जरूरी सेवाओं के इलेक्ट्रिक वाहनों को ही सड़क पर चलने की परमिशन दी जाती है।

औद्योगिक गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है। जिसमें सभी प्रकार के उद्योगों को बंद कर दिया जाता है, खासकर जो अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।

जहां ग्रैप-4 लागू होता है वहां सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियों पर भी पूरी तरह से लोग लगा दी जाती है।

कोयले के उपयोग पर पूरी रोक लगा दी जाती है। ऐसे में कोयले से चलने वाले सभी थर्मल प्लांट्स को बंद कर दिया जाता है।

सभी प्रकार की बाहरी गतिविधियों जैसे खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है।

सार्वजनिक परिवहन में भी कटौती कर दी जाती है, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को सीमित करने के प्रयास होते हैं। इन सभी के साथ वो सभी नियम लागू होते हैं जो ग्रैप 1,2 और 3 के तहत लगाए गए थे।

अब जब ग्रैप-4 एनसीआर के 14 शहरों में लागू किया गया है तो जाहिर है कि हरियाणा में ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्रीज और परिवहन सेवाओं पर असर पड़ेगा। इसके अलावा एनसीआर में आते प्रदेश के 14 जिलों में विकास कार्य भी प्रभावित होंगे, क्योंकि जब तक इन शहरों में प्रदूषण कम नहीं होगा तब तक निर्माण और अन्य गतिविधियां चलाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही दिल्ली में डीजल वाहनों की एंट्री बंद होने से हरियाणा से दिल्ली आने-जाने वाले माल पर असर पड़ेगा। इससे फल-सब्जी और दूध महंगे हो सकते हैं।

सार्वजनिक परिवहन में कटौती होगी तो जाहिर कि हरियाणा रोडवेज बसों की सर्विस दिल्ली के लिए कम हो सकती है।

इसे लेकर परिवहन विभाग समीक्षा कर रहा है। हालांकि अधिकारियों का यह भी कहना है कि हमारे पास बीएस-6 म़ॉडल की बसें भी हैं जिनको दिल्ली रूट पर लगाया जाएगा।

सबसे बड़ी बात कि इन प्रतिबंधों के बाद सब्जी और दूध महंगे हो सकते हैं। क्योंकि डीजल वाहनों पर प्रतिबंध से दूध और सब्जी दोनों चीजों की किल्लत हो सकती है जिससे इन चीजों के रेट बढ़ने के आसार हैं। आपको बता दें कि दिल्ली से हरियाणा में हरा लहसुन, लाल-पीली शिमला मिर्च, अरबी, करेला, शलगम, सेब, खजूर, कीवी, अनार और अनानास जैसे फल आते हैं।

हरियाणा में प्रदूषण की स्थिति कितनी भयानक है यह अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पूरे देश के सबसे प्रदूषित 21 शहरों में से 8 हरियाणा के हैं।  जिनमें भिवानी, हिसार, सोनीपत, रेवाड़ी का धारूहेड़ा, गुरुग्राम, पानीपत, बहादुरगढ़, फरीदाबाद के वल्लभगढ़ और रोहतक भी शामिल हैं। वहीं सोमवार सुबह की बात करें तो गुरुग्राम में एक्यूआई सबसे ज्यादा 576 पहुंच गया। ऐसे में साफ है कि गुरुग्राम में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। अब सरकार ने ग्रैप-4 लागू तो कर दिया है लेकिन इसका कितना असर होता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन ऐसे समय में आम जनता को खुद भी सतर्क रहने की जरूरत है अपना ख्याल खुद रखने की जरूरत है जैसे अगर बहुत जरूरी ना हो तो घर से बाहर ना निकलें। और अगर जाना जरूरी है तो फिर जितना हो सके सार्वजनिक परिवहन सेवा का इस्तेमाल करें। जिससे आप अपना तो ख्याल रखेंगे ही साथ ही इस प्रदूषण को कम करने में एक छोटा सा योगदान दे सकते हैं।