दारमा, व्यास व चौदास क्षेत्र में खाद्यान्न सप्लाई और सड़क मार्ग खोलने के सीएम ने दिए निर्देश

दारमा, व्यास व चौदास क्षेत्र में खाद्यान्न सप्लाई और सड़क मार्ग खोलने के सीएम ने दिए निर्देश
दारमा, व्यास व चौदास क्षेत्र में खाद्यान्न सप्लाई और सड़क मार्ग खोलने के सीएम ने दिए निर्देश

देहरादून:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रं कल्याण संस्था के प्रतिनिधियों ने भेंट कर उनके समक्ष  क्षेत्र के विकास कार्यों से सम्बंधित माँगे रखी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को निर्देश दिये कि जनपद पिथौरागढ़ में भारी बारिश की वजह से दारमा, व्यास व चौदास क्षेत्र के मोटर मार्ग बन्द होने के कारण तीनों घाटियों के गाँव वासियों के लिये खाद्यान्न आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।मुख्यमंत्री ने दारमा, व्यास व चौदास क्षेत्र में पैदल एवं मोटर मार्ग को सुचारू करने के साथ ही क्षेत्र में हैली सेवा द्वारा आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। मुख्यमंत्री से मुलाक़ात करने वालों में  भवान सिंह मोनाल, डॉ. विक्रम सिंह रोकली,  हितेन्द्र सिंह ह्यांकी आदि शामिल थे।
तीन माह से बंद है रोड
पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा से लगती तीन सड़क और पांच ग्रामीण मार्ग बंद होने से 80 हजार की आबादी की परेशानियां जस की तस हैं। विगत तीन माह से ग्रामीण जान हथेली पर रख कर आवाजाही कर रहे हैं। क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं का अभाव बना हुआ है। किसी के बीमार पडऩे पर अस्पताल तक पहुंचाना मुश्किल हो चुका है।
तीन माह पूर्व की बारिश से बंद तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग के नहीं खुलने से तीन घाटियां तल्ला दारमा, मल्ला दारमा और चौदास घाटी अभी भी अलग-थलग पड़ी हैं। इन तीन घाटियों में 14 गांव उच्च हिमालयी भू भाग में हैं तो 26 से अधिक गांव उच्च मध्य हिमालयी हैं। इस क्षेत्र की आबादी 40 हजार से अधिक है। प्रभावित इन गांवों के ग्रामीण परेशान हैं। तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग पर कंच्योती के पास पुल बहने से चौदास घाटी कटी हुई है। मुनस्यारी के डोबरी गांव में भू कटाव से सात परिवार खतरे में हैं। हल्का सा भी मौसम खराब होने पर इन परिवारों को दहशत में रात गुजारनी पड़ रही है।
तवाघाट-सोबला मार्ग पर तवाघाट से आगे नारायणपुर, खेत में मार्ग बंद है। तवाघाट से सोबला के बीच 17 किमी मार्ग बदहाल है। वाहन तो दूर रहे पैदल चलना तक मुश्किल हो रहा है। ग्राम प्रधान न्यू सुवा की पहल से कुछ मार्ग तो गांव के युवाओं ने खुद चलने भर योग्य बनाया। मार्ग पर वाहन चलने में अभी लंबी प्रतीक्षा के अंदेशा बना हुआ है। यह क्षेत्र जिले का सबसे दुर्गम क्षेत्र है। विशाल नदी, नाले वाले इस क्षेत्र के लोग नदी, नालों में डंडे डाल कर आवाजाही कर रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार मार्ग खोलने के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।