प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए सुनहरा मौका, सीएम योगी करेंगे अभ्युदय योजना का शुभारंभ

प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए सुनहरा मौका, सीएम योगी करेंगे अभ्युदय योजना का शुभारंभ
प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए सुनहरा मौका, सीएम योगी करेंगे अभ्युदय योजना का शुभारंभ

वाराणसी: प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों को एक सुनहरा मौका है। नि:शुल्क तैयारी कर अब आप भी आईएएस और आईपीएस बन सकते हैं। वाराणसी में तैनात आईएएस और आईपीएस खुद छात्रों को टिप्स बताएंगे। प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों को अब अधिकारियों की मेंटरशिप मिलेगी। इसके लिए वाराणसी में तीन केंद्र खुलेंगे, यहां अभ्यर्थियों के लिए सरकार की ओर से निशुल्क क्लास चलाई जाएगी।
बड़ालालपुर स्थित समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित केंद्र को अब प्रशासन की निगरानी में चलाया जाएगा। यह बातें मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में बताई। 15 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये प्रशिक्षु IAS मनीष मीणा, PCS अधिकारी मीनाक्षी पांडेय और दो अन्य तैयारी करने वाले स्टूडेंट से बातचीत करेंगे।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में संघ लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, अन्य भर्ती बोर्ड, जेईई, नीट सहित इस तरह के सभी परीक्षाओं की तैयारी निशुल्क कराई जाएगी। वसंत पंचमी से हर मंडल मुख्यालय पर एक मुफ्त प्रशिक्षण केंद्र मंडलायुक्त की अध्यक्षता में चलाया जाएगा।
अगले चरण में इसे हर जिले में शुरू किया जाएगा। वाराणसी में बीएचयू, विद्यापीठ और संस्कृत विश्वविद्यालय के अलावा अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साथ चर्चा कर तीन केंद्र शुरू करने की तैयारी है। इसमें तीनों विश्वविद्यालयों के रजिस्टार की एक संयुक्त कमेटी बनाई गई है जो ऐसे अभ्यर्थियों को सर्च करेंगे। इस योजना में ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन क्लास भी चलाई जाएगी। मुख्यमंत्री वसंत पंचमी के दिन 16 फरवरी को योजना का शुभारंभ करेंगे। 10 फरवरी से पंजीकरण शुरू हो गया।
अधिकारियों और विशेषज्ञ के वीडियो भी मिलेंगे
कमिश्नर ने बताया कि सूचना विभाग ई-लर्निंग कंटेंट प्लेटफार्म एक पोर्टल के रूप में बनाएगा। इस प्लेटफार्म पर विभिन्न अधिकारियों द्वारा परीक्षा की तैयारी संबंधी अपने अनुभव साझा करते हुए वीडियो अपलोड किए जाएंगे। प्रशिक्षु आईएएस, आईपीएस, भारतीय वन सेवा, पीसीएस व अन्य राज्य स्तरीय सेवाओं के अधिकारियों द्वारा आवश्यक रूप से इन अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन किया जाएगा और कक्षाएं ली जाएंगी। इसे उनके द्वारा एकेडमी में होने वाले प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। एक व्याख्यान की अवधि 90 मिनट होगी। कक्षाएं सुबह और शाम दो समय पर चलेंगी।