गगास बैराज को जल्द मूर्तरूप देने को युद्धस्तर पर हो रहा निर्माण

गगास बैराज को जल्द मूर्तरूप देने को युद्धस्तर पर हो रहा निर्माण
गगास बैराज को जल्द मूर्तरूप देने को युद्धस्तर पर हो रहा निर्माण

अल्मोड़ा। कुमाऊं का सबसे बड़ा गगास बैराज जल्द मूर्तरूप ले लेगा। 1.11 लाख किलोलीटर क्षमता वाले बैराज से जहां 96 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र की सिंचाई होगी। पेयजल संकट से जूझ रहे गांवों की प्यास भी बुझाई जा सकेगी। खास बात कि बैराज को पर्यटन गतिविधियों से भी जोड़ा जाएगा। उसी के अनुरूप पूरे क्षेत्र को विकसित किया जाएगा। बहुप्रतीक्षित गगास बैराज को अगले वर्ष जून तक तैयार करने के लिए विभाग ने युद्धस्तर पर निर्माण तेज कर दिया है। कार्यदायी संस्था कुमाऊं कंस्ट्रक्शन कंपनी करीब 31 करोड़ की लागत वाले इस बैराज को पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित करेगा। बैराज बनने से गगास घाटी के छानागोलू, धनखल, भेट, दुगौड़ा आदि गावों में सिचंाई को तरस रहे लगभग तीन हजार किसानों को लाभ मिलेगा। इसके लिए लिफ्टिंग योजना तैयार कर नौ किमी लंबे पाइप बिछाए जाने हैं। गगास बैराज की ऊंचाई 13 मीटर होगी। चौड़ाई 27 व लंबाई यानी डूब क्षेत्र डेढ़ किमी होगा। इसमें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जलक्रीड़ा व साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां भी संचालित किए जाने की योजना है।
बैराज पर्यटन गतिविधियों का केंद्र तो बनेगा ही। जल संवर्धन में भी बड़ा रोल रहेगा। किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। रानीखेत क्षेत्र को और बेहतर जलापूर्ति की जा सकेगी। अगले वर्ष जून तक बैराज तैयार कर नवंबर में इसका विधिवत शुभारंभ कर दिया जाएगा।
- सीसी भट्ट, अधिशासी अभियंता सिंचाई