यूजेवीएनएल के घपलों की होगी जांच, शासन ने दिए आदेश

यूजेवीएनएल के घपलों की होगी जांच, शासन ने दिए आदेश
CM Trivendra Singh Rawat (File Pic)

देहरादून:उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL) में जल विद्युत परियोजनाओं में मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपये के घपलों की जांच होगी। राज्य शासन ने इसके आदेश दे दिए हैं। इस जांच के निशाने पर निगम के दो पूर्व प्रबंध निदेशक भी बताए जा रहे हैं। अमर उजाला की खबर के अनुसार  सिंगल कोटेशन पर करोड़ों का टेंडर देने वाली परचेज कमेटी के अन्य सदस्य भी जांच के निशाने पर बताए जा रहे हैं।
यूकेडी की शिकायत पर राजभवन ने मांगी थी रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक यूकेडी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष एपी जुयाल की एक शिकायत राजभवन पहुंची थीं। उनकी शिकायत पर राज्यपाल के सचिव बृजेश कुमार संत ने सचिव ऊर्जा से रिपोर्ट मांगी। एपी जुयाल के मुताबिक राजभवन में शिकायत की गई है। शिकायत में प्रदेश सरकार और राज्यपाल से आरोपी के कार्यकाल की जांच और सेवा विस्तार न दिए जाने का अनुरोध किया गया था। साथ ही विद्युत नियामक आयोग के आदेश के क्रम में जल विद्युत परियोजना में घपले की जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगमों में घपले न होते तो राज्य में बिजली सस्ती होती है और सरकार को आर्थिक मदद मिलती।
वित्त सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान करेंगे जांच
रिपोर्ट के शासन ने जांच अपर सचिव वित्त अरुणेंद्र सिंह चौहान को सौंपी है। उन्हें एक माह के भीतर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है। इस संबंध में अपर सचिव ऊर्जा भूपेश चंद्र तिवारी ने जांच आदेश जारी किए हैं। इसमें विद्युत नियामक आयोग के आदेश का उल्लेख किया गया है।
आदेश के हवाले से कहा गया है कि वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में छिबरों, डाकपत्थर और खोदरी जल विद्युत परियोजनाओं के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें उठाए गए गंभीर तथ्यों की जांच का अपर सचिव वित्त को सौंपी गई है। बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जांच के आदेश जारी होने के संकेत दिए थे। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत उन्होंने अपने इरादे साफ किए थे। इसके बाद जांच के आदेश का इंतजार हो रहा था।
ये हैं आरोप
शिकायत का आधार उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग का वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 व 2018-19 की रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में आयोग ने छिबरो, डाकपत्थर और खोदरी में जल विद्युत परियोजनाओं में जीर्णोद्धार, सुधारीकरण और मरम्मत कार्यों में करोड़ों रुपये खर्च पर सवाल उठाए गए हैं। करीब 95.86 करोड़ के मरम्मत के कार्य में बेहद महंगा सामान खरीदा गया। स्वीच यार्ड, ब्रेकर, वैक्यूम सर्किट की जो दरें यूजेवीएनएल की परचेज कमेटी ने तय की, वही सामान यूपीसीएल और पिटकुल में काफी कम दरों पर खरीदा गया। आरोप यह भी था कि परियोजना क्षेत्र में वेंटीलेशन के सिस्टम अनावश्यक रूप से लगा दिया गया।