उत्तराखंड में आज भी कोरोना के नए मामलों में आई मामूली कमी, पढ़ें पूरी खबर

उत्तराखंड में आज भी कोरोना के नए मामलों में आई मामूली कमी, पढ़ें पूरी खबर
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देहरादून: उत्तराखंड आज भी कोरोना नए कोरोना संक्रमितों की संख्या में मामूली कमी आई है। आज उत्तराखंड में 274 कोरोना के मामले सामने आए हैं जबकि 18 मरीजों की कोरोना से मौत दर्ज की गई है। जबकि कल 296 नए कोविड पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई थी। वहीं आज 515 मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं। अब उत्तराखंड में कोरोना के एक्टिव केस 3642 रह गए हैं। राज्य सरकार के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार उत्तराखंड में रिकवरी रेट 95 परसेंट से ज्यादा हो गया है। जिलों में नए कोरोना केसों की बात करें तो आज देहरादून में 57, हरिद्वार में 48, नैनीताल में 26, पौड़ी गढ़वाल में 6, पिथौरागढ़ में 18, रुद्रप्रयाग में 7, टिहरी गढ़वाल में 16, ऊधम सिंह नगर में 17, उत्तरकाशी में 26, चंपावत में 10, चमोली में 7, बागेश्वर में 12, और अल्मोड़ा में 24 नए मामले पाए गए हैं।
हरिद्वार कुंभ में हुआ बड़ा कोरोना फर्जावा़ड़ा
हरिद्वार कुंभ (Haridwar Kumbh) के दौरान कोरोना टेस्टिंग (Corona Testing) में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसके बाद जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। एक जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) की तरफ से कुंभ मेले के दौरान कराई जाने वाली कोरोना टेस्टिंग के लिए एक प्राइवेट एजेंसी ने इतनी बड़ी जांच में कम से कम एक लाख फर्जी रिपोर्ट जारी की थीं। हरिद्वार जिला प्रशासन ने हाल ही में उन आरोपों की जांच का आदेश दिया है, जिनमें कहा गया है हरिद्वार में कुंभ उत्सव के दौरान कोरोना टेस्टिंग करने के लिए काम करने वाली प्राइवेट लैब्स की तरफ से नकली रिपोर्ट जारी की गई थीं।
हरिद्वार में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ का आयोजन किया गया था और इस दौरान 9 एजेंसियों और 22 प्राइवेट लैब्स की तरफ से लगभग चार लाख कोरोना टेस्ट किए गए थे। मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार की अध्यक्षता वाली एक समिति की तरफ से की गई जांच में प्राइवेट एजेंसी की रिपोर्ट में कई अनियमितताएं पाई गईं। जांच में पाया गया है कि इसमें 50 से ज्यादा लोगों को रजिस्टर्ड करने के लिए एक ही फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया था और एक एंटीजन टेस्ट किट से 700 सैंपल्स की टेस्टिंग की गई थी।
कैसे सामने आई फर्जी रिपोर्ट जारी करने की बात
कुंभ के दौरान उत्तराखंड हाईकोर्ट की तरफ से रोजाना कम से कम 50,000 कोरोना टेस्ट करने का निर्देश देने के बाद राज्य सरकार की ओर से आठ और सैंपल कलेक्टर एजेंसियों को टेस्टिंग करने का काम सौंपा गया था। जांच के तहत एजेंसी की तरफ से किए गए 1 लाख कोरोना टेस्ट में से 0.18 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट के साथ 177 पॉजिटिव निकले थे। इसके विपरीत अप्रैल में हरिद्वार में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी तक चला गया था। ये फर्जी रिपोर्ट की बात तब सामने आई, जब पंजाब के एक व्यक्ति, जो कुंभ में ही नहीं गया था, के फोन पर हरिद्वार के स्वास्थ्य विभाग से कोविड की निगेटिव रिपोर्ट मिली।
उसने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) में शिकायत दर्ज कराई, जिसने राज्य के अधिकारियों को सतर्क कर दिया। एजेंसी को एक टेस्ट के लिए 350 रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया था, जिसका मतलब है कि घोटाला करोड़ों में चला है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने जांच में भारी गड़बड़ी का संज्ञान लेते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट हरिद्वार डीएम को भेज दी गई है। नेगी ने कहा कि डीएम से 15 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद हम कार्रवाई करेंगे। इस बीच, हरिद्वार के जिला मजिस्ट्रेट सी रविशंकर के आदेश के अनुसार जांच चल रही है और सभी एजेंसियों के लंबित भुगतान को अगली सूचना तक रोक दिया गया है।

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