सेना के इंजीनियरों की अथक मेहनत से IDPL के ऑक्सीजन प्लांट में उत्पादन शुरू

सेना के इंजीनियरों की अथक मेहनत से IDPL के ऑक्सीजन प्लांट में उत्पादन शुरू
सेना के इंजीनियरों की अथक मेहनत से IDPL के ऑक्सीजन प्लांट में उत्पादन शुरू

देहरादून:वर्षो से बंद पड़े ऋषिकेश के आईडीपीएल स्थित ऑक्सीजन प्लांट को सेना के इंजीनियरों ने अपनी अथक मेहनत से चालू कर दिया। यह प्लांट 20 साल से भी अधिक समय से बंद पड़ा था। अब फिर से इस ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन का उत्पादन होना प्रारंभ हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने इस ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करने के लिए भरसक प्रयास किए गये थे। इस संबंध में उनके द्वारा लगातार मुख्यमंत्री एवं अन्य संबंधित नेताओं से वार्ता भी की गई थी। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने सेना के इंजीनियरों का आभार व्यक्त किया है, श्री अग्रवाल ने कहा कि सेना के इंजीनियरों की टीम द्वारा दिन रात मेहनत कर वर्षों से बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को शुरू किया गया है, जिसे की प्रारंभ करना आईडीपीएल प्रशासन द्वारा असम्भव बताया जा रहा था।  अग्रवाल ने कहा कि सेना के इंजीनियरों ने अपने जज्बे एवं दृढ़ संकल्प से इस मुश्किल काम को संभव किया है। 
लगातार जुटी रही टीम
सेना के 10 सदस्यीय इंजीनियरों की टीम करीब एक माह से लगातार ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत कर रही थी। आईडीपीएल के मेकेनिकल और इलेक्ट्रिक विभाग की टीम भी इंजीनियरों की मदद में जुटी रही। ऑक्सीजन प्लांट बीते दो दशक से बंद पड़ा है। ऐसे में मशीनों के कई पार्ट खराब हो चुके है और सप्लाई लाइन भी चोक थी।
मेंटेनेंस रखा जाता ध्यान तो आज चालू होता प्लांट
पुराने प्लांट एएसयू (एयर सैपरेशन यूनिट) तकनीक पर काम करते हैं। पुराने प्लांट लोहे के होते थे। इसलिए इनकी समय पर सफाई और मेंटेनेंस बहुत जरूरी होती है, लेकिन आईडीपीएल ऑक्सीजन प्लांट को पूरी तरह से ही बंद कर दिया गया था। वहीं नए प्लांट में पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसरप्शन ) प्रयोग होता है। एएसयू प्लांट के मुकाबले पीएसए प्लांट को कम मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है।